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शरीयत के एतबार से जायज है तलाक : जफरयाब

प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता एवं आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य एडवोकेट जफरयाब जीलानी ने कहा कि एक साथ तीन तलाक देना गुनाह है, लेकिन शरीयत के एतबार से जायज है। कानूनी तौर पर किसी भी धर्म में हस्तक्षेप बेजा है। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के विवादित ढांचे के संबंध में चल रहे केस के बारे में बताया कि न्यायालय सभी दस्तावेजों का अंग्रेजी अनुवाद करा रहा है। उसके बाद बहस शुरू होगी।06_02_2017-talaq

बुढाना मेंं एक कार्यक्रम में आए बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक एडवोकेट जफरयाब जीलानी ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि मौजूदा कानून के मुताबिक पर्सनल ला में तब्दीली नहीं की जा सकती। यह सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला है। उन्होंने संविधान में आदिवासियों के लिए की गई व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें भी कुछ विशेष अधिकार मिले हैं। ऐसे में मुस्लिम पर्सनल ला में ये व्यवस्था की गई है। मुस्लिम पर्सनल ला कुरआन व हदीस की रोशनी में लागू होता है। इस मामले में कोलकाता हाईकोर्ट का भी फैसला है कि कुरआन ऐसी किताब है, जिसमें दिये गए उपबंधों में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब ने भी एक साथ तीन तलाक को गलत माना, लेकिन यदि ऐसा हो जाता है तो तलाक मानी जाएगी। यह कुरआन का भी फैसला है। किन्हीं हालात में महिलाओं के लिए तलाक जरूरी है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से मुसलमानों ने शिक्षा के क्षेत्र में तरक्की की है, लेकिन दूसरे तबके के लोग काफी आगे निकल गए। मुसलमानों ने मदरसे के साथ इतने ही स्कूल व कालेज स्थापित कराए होते तो यह स्थिति न होती।

 

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