Saturday , June 10 2023
Home / Main slide / आशा बन डेढ़ महीने केसरेआम सरकारी मदद का झांसा देकर एक कथित आशा वर्कर ने बच्चे को अगवा कर लिया। आसपास काफी तलाश करने के बाद भी जब बच्चा नहीं मिला तो घरवालों ने पुलिस को सूचना दी। कथित आशा को घरवाले पहचानते नहीं। उनके पास उसका मोबाइल नंबर है पर वह स्विच ऑफ है। पुलिस मोबाइल नंबर और बैंक के सीसीटीवी कैमरे की मदद से महिला की तलाश में जुटी है। Sponsored Links You May Like People Are Freaking Out Over The Colors Of These Flip-Flops The Huffington Post by Taboola पीपीगंज के रमवापुर के रहने वाले राजमिस्त्री परमानंद कैंपियरगंज के रामचौरा में इन दिनों निर्माण कार्य में लगे हैं। यहीं उनकी मुलाकात एक महिला से हुई, जिसने खुद को आशा वर्कर बताते हुए पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पांच हजार रुपये की सरकारी मदद दिलाने की बात कही। परमानंद उसके झांसे में आ गया। महिला ने उसे सोमवार को पत्नी (वंदना) और बच्चे (डेढ़ माह) के साथ पीपीगंज सरकारी अस्पताल के पास बुलाया। वंदना और बच्चे के साथ मां धनपाती भी वहां पहुंच गईं। इसी दौरान महिला फोटो खिंचवाने के नाम पर उन्हें लेकर कस्बे की ओर चली गई। रास्ते में वह एसबीआई ब्रांच के पास रुकी बैंक में एक काम बताकर उन्हें इंतजार करने को कहा। कुछ देर बार जब महिला वापस आई तो बच्चा रोने लगा। उसे चुप कराने के लिए आशा वर्कर ने अपनी गोद में ले लिया और देखते ही देखते वह बच्चे को लेकर फरार हो गई। थोड़ी देर बाद जब आशा वर्कर नजर नहीं आई तो वंदना और धनपाती ने बच्चे की तलाश शुरू की। बच्चा न मिलने पर वंदना ने परमानंद को सूचना दी। कुछ ही देर में वह भी वहां पहुंच गया। बाद में सभी ने थाने पहुंचकर बच्चे के अगवा होने की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने बैंक की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली पर सफलता नहीं मिली। आरोपी महिला ने खुद को देवरिया का बताया था।

आशा बन डेढ़ महीने केसरेआम सरकारी मदद का झांसा देकर एक कथित आशा वर्कर ने बच्चे को अगवा कर लिया। आसपास काफी तलाश करने के बाद भी जब बच्चा नहीं मिला तो घरवालों ने पुलिस को सूचना दी। कथित आशा को घरवाले पहचानते नहीं। उनके पास उसका मोबाइल नंबर है पर वह स्विच ऑफ है। पुलिस मोबाइल नंबर और बैंक के सीसीटीवी कैमरे की मदद से महिला की तलाश में जुटी है। Sponsored Links You May Like People Are Freaking Out Over The Colors Of These Flip-Flops The Huffington Post by Taboola पीपीगंज के रमवापुर के रहने वाले राजमिस्त्री परमानंद कैंपियरगंज के रामचौरा में इन दिनों निर्माण कार्य में लगे हैं। यहीं उनकी मुलाकात एक महिला से हुई, जिसने खुद को आशा वर्कर बताते हुए पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पांच हजार रुपये की सरकारी मदद दिलाने की बात कही। परमानंद उसके झांसे में आ गया। महिला ने उसे सोमवार को पत्नी (वंदना) और बच्चे (डेढ़ माह) के साथ पीपीगंज सरकारी अस्पताल के पास बुलाया। वंदना और बच्चे के साथ मां धनपाती भी वहां पहुंच गईं। इसी दौरान महिला फोटो खिंचवाने के नाम पर उन्हें लेकर कस्बे की ओर चली गई। रास्ते में वह एसबीआई ब्रांच के पास रुकी बैंक में एक काम बताकर उन्हें इंतजार करने को कहा। कुछ देर बार जब महिला वापस आई तो बच्चा रोने लगा। उसे चुप कराने के लिए आशा वर्कर ने अपनी गोद में ले लिया और देखते ही देखते वह बच्चे को लेकर फरार हो गई। थोड़ी देर बाद जब आशा वर्कर नजर नहीं आई तो वंदना और धनपाती ने बच्चे की तलाश शुरू की। बच्चा न मिलने पर वंदना ने परमानंद को सूचना दी। कुछ ही देर में वह भी वहां पहुंच गया। बाद में सभी ने थाने पहुंचकर बच्चे के अगवा होने की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने बैंक की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली पर सफलता नहीं मिली। आरोपी महिला ने खुद को देवरिया का बताया था।

सरेआम सरकारी मदद का झांसा देकर एक कथित आशा वर्कर ने बच्चे को अगवा कर लिया। आसपास काफी तलाश करने के बाद भी जब बच्चा नहीं मिला तो घरवालों ने पुलिस को सूचना दी। कथित आशा को घरवाले पहचानते नहीं। उनके पास उसका मोबाइल नंबर है पर वह स्विच ऑफ है। पुलिस मोबाइल नंबर और बैंक के सीसीटीवी कैमरे की मदद से महिला की तलाश में जुटी है।800x480_image58656999
पीपीगंज के रमवापुर के रहने वाले राजमिस्त्री परमानंद कैंपियरगंज के रामचौरा में इन दिनों निर्माण कार्य में लगे हैं। यहीं उनकी मुलाकात एक महिला से हुई, जिसने खुद को आशा वर्कर बताते हुए पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पांच हजार रुपये की सरकारी मदद दिलाने की बात कही। परमानंद उसके झांसे में आ गया। महिला ने उसे सोमवार को पत्नी (वंदना) और बच्चे (डेढ़ माह) के साथ पीपीगंज सरकारी अस्पताल के पास बुलाया। वंदना और बच्चे के साथ मां धनपाती भी वहां पहुंच गईं। इसी दौरान महिला फोटो खिंचवाने के नाम पर उन्हें लेकर कस्बे की ओर चली गई। रास्ते में वह एसबीआई ब्रांच के पास रुकी बैंक में एक काम बताकर उन्हें इंतजार करने को कहा। कुछ देर बार जब महिला वापस आई तो बच्चा रोने लगा। उसे चुप कराने के लिए आशा वर्कर ने अपनी गोद में ले लिया और देखते ही देखते वह बच्चे को लेकर फरार हो गई। 

थोड़ी देर बाद जब आशा वर्कर नजर नहीं आई तो वंदना और धनपाती ने बच्चे की तलाश शुरू की। बच्चा न मिलने पर वंदना ने परमानंद को सूचना दी। कुछ ही देर में वह भी वहां पहुंच गया। बाद में सभी ने थाने पहुंचकर बच्चे के अगवा होने की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने बैंक की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली पर सफलता नहीं मिली। आरोपी महिला ने खुद को देवरिया का बताया था।

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