
माध्यमिक शिक्षा सेवा अधिनियम 1982 की धारा 12, 18, 21 की बहाली की मांग, शिक्षकों ने कहा – “शोषण बर्दाश्त नहीं”
लखनऊ, 21 अप्रैल।
राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में सोमवार को प्रदेशभर से जुटे सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों ने सेवा सुरक्षा की बहाली को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने मांग की कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 12, 18 एवं 21 को नए अधिनियम 2023 में तत्काल जोड़ा जाए।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री सोहन लाल वर्मा ने कहा कि जब से इन धाराओं को नए अधिनियम से निष्कासित किया गया है, तब से निलंबन व बर्खास्तगी की घटनाएं बढ़ी हैं और शिक्षक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें:
सेवा सुरक्षा की बहाल धाराएं 12, 18, 21 को आयोग अधिनियम 2023 में जोड़ा जाए
सहायता प्राप्त विद्यालयों का राजकीयकरण किया जाए
सहायक अध्यापक से प्रवक्ता पद तक की पदोन्नति प्रक्रिया दोबारा शुरू हो
डॉ. हरिप्रकाश यादव और श्रवण कुमार कुशवाहा ने कहा कि 1982 का अधिनियम निरस्त होने से 1921 के इंटरमीडिएट अधिनियम के तहत कार्यवाही हो रही है, जिसमें सेवा प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा।
संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र वर्मा और मंत्री संदीप शुक्ल ने चेतावनी दी कि धारा 21 की समाप्ति से शिक्षकों का उत्पीड़न चरम पर है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस मौके पर दीपक सिंह पुंडीर, प्रमोद पाठक, पंकज सिंह, सृष्टि राज दुबे, अटेवा के भूरी सिंह सहित कई शिक्षक नेताओं ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
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