
22 उपजातियों को एक मंच पर लाकर संगठन विस्तार का संकल्प, अजय भाई शाहू के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति
मऊ, उत्तर प्रदेश |
जनपद मऊ मुख्यालय स्थित मद्धेशिया वैश्य धर्मशाला में समाज के सम्मानित और संघर्षशील साथियों की एक महत्त्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई, जिसका संयोजन अमिला नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन श्री अजय कुमार गुप्त द्वारा किया गया।
इस बैठक में मऊ, आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर, गोरखपुर, देवरिया सहित पूर्वांचल के कई जनपदों के वैश्य समाज से जुड़े प्रबुद्ध, युवा और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी रही।
बैठक का संचालन और प्रमुख चेहरे
बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी और पूर्व प्रधान श्री दीनानाथ जी ने की, जबकि संचालन श्री अजय कुमार साहू (पूर्व प्रधान, सामाजिक कार्यकर्ता) द्वारा किया गया।
इस ऐतिहासिक बैठक में समाज के कई प्रमुख चेहरे उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- श्री सुभाष गुप्ता (पूर्व प्रमुख, गाजीपुर)
- मनीष मद्धेशिया (युवा प्रदेश अध्यक्ष)
- अभिषेक मद्धेशिया (प्रदेश महामंत्री)
- मनोज गुप्ता (राष्ट्रीय मंत्री)
- विशाल गुप्ता (युवा अध्यक्ष, अमिला)
- अनिल मद्धेशिया व हरिप्रकाश गुप्ता (पूर्व चेयरमैन, बेल्थरा)
- झारखंडे साहू व राजेन्द्र गुप्ता (एडवोकेट)
- डॉ. विनय (बड़हलगंज), नागेंद्र जायसवाल, पन्ना गुप्ता, अमर गुप्ता
- अशोक साहू (जिलाध्यक्ष, साहू समाज)
- संतोष जायसवाल, अंबुज गुप्ता, अर्जुन सेठ, भोला गुप्ता, सुनील वर्मा आदि।
‘पिछड़ा वैश्य अधिकार चेतना मंच’ का गठन
बैठक में सामाजिक समानता, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, और संगठनात्मक एकता पर सम्यक विचार-विमर्श हुआ।
शाहू अजय भाई द्वारा रखे गए प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से ‘पिछड़ा वैश्य अधिकार चेतना मंच’ का गठन किया गया।
इस मंच का उद्देश्य ओबीसी वैश्य समाज की 22 उपजातियों को संगठित कर उनके अधिकारों की लड़ाई को सशक्त बनाना है।
संगठन विस्तार का संकल्प
बैठक में सभी उपस्थित प्रतिनिधियों ने मंच के माध्यम से समाज को एकजुट कर राजनैतिक, सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक स्तर पर सशक्तिकरण के लिए जनपदवार संगठन विस्तार का संकल्प लिया।
लोक निर्माण टाईम्स की विशेष टिप्पणी:
“यह बैठक केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि वैश्य समाज की नई सामाजिक चेतना का प्रारंभ है। ‘पिछड़ा वैश्य अधिकार चेतना मंच’ आने वाले समय में समाज की ताकत बन सकता है, बशर्ते इसे स्थायी और निष्कलंक नेतृत्व मिले।”
क्या आप चाहेंगे कि इसका एक पोस्टर, बुलेटिन या PDF संस्करण जनजागरण हेतु भी तैयार किया जाए?
यदि मंच का लोगो या प्रस्तावना पत्र भी उपलब्ध हो तो हम उसे भी डिज़ाइन में शामिल कर सकते हैं।