
नक्शा व रकबा में विसंगति, पूर्व की संदिग्ध पैमाइश और दो ग्रामों की सरहद पर खड़ा हुआ विवाद
लखनऊ, 19 अप्रैल।
सरोजनी नगर तहसील के ग्राम सेवई व सार्थवाह के सीमा क्षेत्र में स्थित राजघराना स्मार्ट सिटी की भूमि पर एक बड़ा राजस्व विवाद सामने आया है। कॉलोनी के भू-मालिक अशोक कुमार गुप्ता ने तहसील दिवस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि उनकी विधिपूर्वक खरीदी गई भूमि से सरकारी रास्ता जबरन निकाला गया, जिससे ग्राम सेवई और सार्थवाह की सीमाएं विवादित हो गई हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अशोक गुप्ता ने 10.50 बीघा भूमि खरीदी थी, जिसमें गाटा संख्या 728, 729, 732, 746, 760, 762, 764, 765, 766, 777, 754, 755 शामिल हैं। उनका आरोप है कि गाटा 744, जिसकी खतौनी में रकबा मात्र 2.5 विस्वा दर्ज है, वहां 12 विस्वा भूमि पर कब्जा दिलाया गया, और यह कब्जा गाटा 743 की धारा 24 के अंतर्गत पैमाइश के बहाने किया गया।
इस पूरी प्रक्रिया में तत्कालीन लेखपाल और राजस्व निरीक्षक जितेन्द्र सिंह, जिनकी छवि पूर्व से विवादास्पद रही है, शामिल थे। इसके अतिरिक्त सरकारी गाटा संख्या 763, 761, 759 आदि में भी नक्शा और खतौनी में रकबा संबंधित विषंगतियाँ पाई गई हैं।
अशोक गुप्ता का कहना है कि मौके पर नक्शा छोटा और रकबा बड़ा दिखाया जा रहा है, जिससे उनकी वैध भूमि पर अतिक्रमण और सरकारी बताकर कार्रवाई की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने नक्शा दुरुस्तीकरण के लिए वाद संख्या 02372/2021, धारा 30, उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के अंतर्गत न्यायालय अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) लखनऊ में दाखिल किया है, जिसकी अगली तिथि 23 अप्रैल 2025 नियत है। मुकदमे में प्रश्नावली भी प्रेषित की जा चुकी है।
तहसील दिवस में की गई मांग:
सम्पूर्ण भूमि का निष्पक्ष सीमांकन
सरकारी रास्ते की वैधता की जांच
सरकारी गाटों में रकबा/नक्शा विसंगति की जांच
सीमांकन कार्य दोनों ग्रामों के लेखपाल व राजस्व निरीक्षक की उपस्थिति में कराए जाने की मांग
प्रकरण अब राजस्व अधिकारियों की निष्पक्षता और त्वरित कार्यवाही पर निर्भर है, अन्यथा यह विवाद ग्रामीण स्तर पर बड़ी समस्या बन सकता है।
– संवाददाता
लोकनिर्माण टाईम्स, लखनऊ