
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 का ड्राफ्ट जारी किया है। इस नई उपविधि के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय भूखंडों पर व्यवसायिक गतिविधियों को अनुमति, अधिक निर्माण की छूट, और नक्शा पास कराने की बाध्यता में ढील दी गई है।
मुख्य विशेषताएं:
24 मीटर चौड़ी सड़क पर मिश्रित भू-उपयोग की अनुमति:
अब घर में दुकान, क्लिनिक, ऑफिस या अन्य वाणिज्यिक गतिविधियाँ चलाना आसान होगा। आवासीय भूखंडों पर अब मिश्रित उपयोग की सुविधा दी जाएगी।
45 मीटर चौड़ी सड़क पर बन सकेंगे गगनचुंबी भवन:
हाईराइज़ बिल्डिंग (बहुमंजिला भवन) के निर्माण की अनुमति भी अब 45 मीटर या अधिक चौड़ी सड़क पर मिल सकेगी।
गांवों में भी लगेगा उद्योग:
अब गांवों के 7 मीटर चौड़े मार्गों पर भी उद्योग स्थापित करने की अनुमति दी गई है, जिससे ग्रामीण विकास को बल मिलेगा।
नक्शा पास कराने से छूट:
अब 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंड और 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भूखंड पर निर्माण के लिए मानचित्र पास कराने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। सिर्फ ऑनलाइन पंजीकरण और नक्शा अपलोड करना होगा।
एफएआर व सेटबैक में ढील:
सरकार ने भू-आच्छादन और एफएआर को बढ़ाकर ज्यादा निर्माण की छूट दी है। वहीं सेटबैक (खाली स्थान छोड़ने) के नियमों को भी लचीला बना दिया गया है।
भवन उपविधि-2025 के बारे में जानिए
सरकार ने भवन उपविधि-2008 को बदलते समय और आवश्यकताओं के अनुरूप अपडेट करते हुए नया भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 तैयार किया है। इसका उद्देश्य तेजी से बढ़ते शहरीकरण और सीमित भूमि संसाधनों के बीच संतुलन बनाना है।
ड्राफ्ट पर 15 दिनों तक सुझाव और आपत्तियाँ दर्ज कराई जा सकती हैं।
इसके बाद मई में कैबिनेट से स्वीकृति मिलने की संभावना है।
स्वीकृति के बाद यह उपविधि विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषदों में लागू की जाएगी।
कैसे दें सुझाव/आपत्ति?
वेबसाइट पर देखें ड्राफ्ट:
awas.upsdc.gov.in
uptownplanning.gov.in
awasbandhu.in
ईमेल द्वारा:
ctcpbuildingbyelaws2025@gmail.com
डाक से भेजें:
मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, विभूति खंड, गोमतीनगर, लखनऊ
रिपोर्ट: लोकनिर्माण टाइम्स
प्रदेश में निर्माण और व्यवसाय को आसान बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल।
अपने सुझाव जरूर दें – यह बदलाव आपके लिए