
लोक निर्माण टाईम्स, लखनऊ | 14 अप्रैल 2025 | विशेष संवाददाता
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की सख़्त कार्रवाई और नियमों की जटिलता से नाराज़ रियल एस्टेट डवलपर्स व प्रॉपर्टी डीलरों ने एक नया संगठन “रियल एस्टेट जनहित मोर्चा” के नाम से गठित किया है। संगठन ने आरोप लगाया कि एलडीए की नीतियां जमीन पर काम कर रहे छोटे व मध्यम स्तर के व्यापारियों के लिए न केवल दमनकारी हैं, बल्कि रोज़गार छीनने जैसी हैं।
संगठन के संयोजक सामी वर्मा ने कहा, “नियम इतने कठिन बना दिए गए हैं कि ज़मीन पर काम कर रहे छोटे व्यापारी या किसान के लिए उन्हें पूरा कर पाना लगभग असंभव है। प्राधिकरण की नीतियों को सरल और व्यावहारिक बनाने की आवश्यकता है।”
बैठक में शामिल बिल्डर अनिल कुमार शर्मा, मनोज मिश्रा, नक्शा विशेषज्ञ शशांक द्विवेदी और इंजीनियर विकास त्रिपाठी ने निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखीं:
मुख्य मांगें:
- नियमों को सरल किया जाए, ताकि आम व्यापारी और किसान भी विकास में भाग ले सकें।
- भू-टाईप (Bhulekh) में दर्ज जमीनों पर नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में ढील दी जाए।
- भू-उपयोग परिवर्तन (Land Use Conversion) को सरल और सस्ता बनाया जाए।
- तलपट मानचित्र के नाम पर नोटिस भेजने की प्रक्रिया तत्काल बंद की जाए, क्योंकि इससे बिना कारण छोटे कारोबारियों को मानसिक और आर्थिक दबाव में डाला जा रहा है।
- किसी भी प्रकार की कार्यवाही से पहले पूर्व सूचना और सुनवाई का अवसर अनिवार्य किया जाए।
संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि कई जगहों पर वैध प्लॉटिंग को भी अवैध बताकर ध्वस्त कर दिया गया, जबकि संबंधित दस्तावेज़ प्राधिकरण के पास मौजूद थे। संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग की है और शीघ्र ही ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है।
सरोजिनी नगर, काकोरी, बख्शी का तालाब, गोसाईगंज और मोहनलालगंज क्षेत्र के लगभग 70 से अधिक बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर इस आंदोलन से जुड़े हैं। आने वाले दिनों में यह मोर्चा प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर दस्तावेज़ और तथ्यों के साथ अपनी बात सार्वजनिक करेगा।