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मां, पत्नी व बेटे के हत्यारे को सजा-ए-मौत

mother-wife-and-sons-killer_1487179481टांडा कोतवाली क्षेत्र के हयातगंज मोहल्ले में 19 अप्रैल 2013 की सुबह उस समय सनसनी फैल गई थी जब स्थानीय निवासी रामगोपाल सैनी की 60 वर्षीय मां कामा देवी, पत्नी कंचन देवी (32) व पुत्र धैर्य (4) केा शव घर में पड़े मिले। घटना के समय पति रामगोपाल पुत्र रामनरेश मौके से नदारद था। इससे लोगों का शक उस पर ही गहराया। पुलिस ने तीनों शवों का लेकर पोस्टमार्टम कराया।
 
घटना को लेकर कंचन के पिता रामगोपाल वर्मा ने थाने में दी तहरीर के जरिये कहा कि वर्ष 2008 में उनकी पुत्री ने रामगोपाल सैनी के साथ प्रेम विवाह किया था। तहरीर में यह भी कहा गया कि रामगोपाल का अवैध संबंध पड़ोसी मोहल्ले की एक महिला से था।

अवैध संबंधों के चलते ही मां, पत्नी व मासूम पुत्र को रास्ते से हटाने को रामगोपाल ने 18 अप्रैल की रात इन तीनों को जहर पिला दिया और खुद दिल्ली के लिए निकल गया। जहर के चलते ही तीनों की मौत हो गई। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर बाद में अभियुक्त रामगोपाल सैनी को गिरफ्तार कर लिया था। इस बीच यह मामला सत्र परीक्षण के लिए पेश हुआ।

अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या तीन मृदुल कुमार मिश्र ने मामले की सुनवाई करते हुए अपने फैसले में रामगोपाल सैनी को घटना का दोषी पाया। न्यायाधीश ने मामले को विरलतम से विरलतम श्रेणी में पाते हुए अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई। आदेश में कहा गया कि अभियुक्त को फांसी के फंदे पर गले से तब तक लटकाया जाए, जब तक कि उसकी मृत्यु न हो जाए।

न्यायालय ने अभियुक्त पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। मामले में अपराध मुक्त होने के लिए अभियुक्त की कोई दलील काम नहीं आयी। इसमें घटना का केस विलंब से दर्ज कराने तथा ससुर द्वारा फर्जी फंसाने का उल्लेख मुख्य रूप से शामिल है।

घटना के समय अभियुक्त द्वारा स्वयं के दिल्ली में होने का भी हवाला दिया गया। हालांकि तथ्य व बहस के दौरान अभियुक्त द्वारा अपने पक्ष में कोई प्रभावी साक्ष्य नहीं दिया जा सका।   न्यायाधीश मृदुल कुमार मिश्र ने (32) पेज के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों का उदाहरण भी प्रमुखता से दिया।

न्यायाधीश ने कहा कि मां, पत्नी व बेटे को लेकर जिम्मेदारी व विश्वास दोनों का पालन नहीं किया गया। तीनों हत्या किसी आवेश में आकर नहीं की गई, बल्कि सुनियोजित ढंग से की गई है। इसके चलते ही यह घटना विरलतम से विरलतम श्रेणी में आती है।

 
 

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