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नेताजी के सहयोगी निजामुद्दीन नहीं रहे

आजमगढ़ (ब्यूरो)। आजाद हिंद फौज में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के चालक कर्नल निजामुद्दीन उर्फ सैफुद्दीन का 117 वर्ष की अवस्था में सोमवार को तड़के निधन हो गया। उन्होंने मुबारकपुर क्षेत्र के ढकवां स्थित अपने पैतृक आवास पर अंतिम सांस ली। कर्नल निजामुद्दीन के निधन की सूचना मिलते ही जिले से बड़ी संख्या में लोग उनके आवास पहुंचे।descended-funeral-the-people-of-azamgarh_1486409302
जानकारी होते ही प्रशासनिक अमला भी उनके गांव पहुंचा और श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके जनाजे में जिले के प्रतिष्ठित लोगों के साथ क्षेत्र के लोगों की भीड़ उमड़ी थी। दोपहर दो बजे गांव के कब्रिस्तान में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्दे खाक किया गया। कर्नल निजामुद्दीन अपने पीछे पत्नी अजबुन्निशा तथा तीन पुत्रों, बहुओं, पौत्र, पौत्रियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

कर्नल  निजामुद्दीन का जन्म मुबारकपुर के ढकवा गांव में पहली जनवरी, 1900 को हुआ था। वर्ष 1943 में वह सिंगापुर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़े और आजाद हिंद फौज के लिए काम किया। देश आजाद होने के बाद अपने गांव आ गए थे।

पिछले काफी समय से गांव में ही रह रहे थे। उन्हें घुटने में तकलीफ थी। रविवार की रात उन्होंने परिवार के संग खाना खाया था। कर्नल रोज सुबह चार बजे बिस्तर से उठ जाते थे। सोमवार को नहीं उठने पर चार बजे परिवार वाले जगाने पहुंचे तो उनकी मौत हो चुकी थी। उनके निधन की खबर गांव और जिले में फैलते ही बड़ी संख्या में अधिकारी, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता एवं अन्य लोग उनके आवास पर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की।

अंतिम दर्शन के बाद दोपहर बाद कर्नल  निजामुद्दीन का जनाजा निकला जिसमें भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। नमाजे जनाजा मौलाना अबुल वफा ने पढ़ाई। उसके बाद गांव के ही कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्दे खाक कर दिया गया।

 
 

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