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शीतलहर से जनजीवन बेहाल

ठंड के मौसम में बदलाव से अब एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी है। सोमवार को दोपहर बाद शीत लहर चलने के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। सर्द हवा के झोकों ने लोगों को अपने घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया। दोपहर बाद कुछ देर के लिए हल्की धूप होने से लोग दिन भर ठिठुरते नजर आए। ठंड बढ़ने से बस स्टेशन तथा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर लोग कांपते नजर आए। लोगों को कंपा देने वाली ठंड का एहसास होनेे के साथ ही जहां-तहां अलाव जलते देखा गया। ठंड बढ़ जाने के बाद भी न जिले के विभिन्न इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर अलाव नहीं जलवाया जा सका है।train-in-fogg_1480874106
शीतलहर का प्रकोप बढ़ जाने के बाद भी प्रशासन तथा नगरपालिका तथा नगर पंचायतों की ओर से अलाव जलाने में सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। नगरपालिका में कुछ जगहों पर अलाव जलवाकर ही इतिश्री कर दी जा रही है। नगर पंचायतों तथा ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर भी अलाव जलाने में कोरम पूरा कर दिया जा रहा है। सोमवार को तड़के छह बजे धुंध छा गया। 50 मीटर के दूर की वस्तु दिखाई नहीं दे रही थी। सवारी वाहन हेडलाइट जलाकर चलते देखा गया। लगभग 10 बजे तक धुंध छाए रहने से स्कूली बच्चों को कांपते देखा गया।
दोपहर बाद हल्की धूप तो निकली, लेकिन भगवान भाष्कर ने आंखें बंद कर ली। बर्फीली हवा चलने से पूरा जनपद शीतलहर के आगोश में हो गया। शाम पांच बजते ही पटरी दूकानदार भी घर रवाना हो गए।  ठंड से अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी अलाव जलवाने के मामले में प्रशासनिक अधिकारियों ने सुधि लेने की जहमत तक नहीं उठाई है। ठंड बढ़ जाने से शाम के समय सवारी वाहनों का संचालन कम हो गया। दूर दराज इलाकों में जाने वाले लोगों को देर शाम तक सवारी वाहनों की प्रतीक्षा करते देखा गया।

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