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नोटबंदी से बंद उद्योगों के लिए केंद्र सरकार जल्द कर सकती है राहत की घोषणा

सरकार की नजर उद्योग-कारखानों पर है सरकार राहत के कुछ रास्ते खोलने के मूड में है। प्रारूप तय करने के लिए वित्त मंत्रालय औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने जा रहा है।
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विमुद्रीकरण का फैसला सरकार ने बेशक आननफानन में सुनाया हो, लेकिन व्यावहारिक दिक्कतों पर लगातार नजर है। जनता की सुविधा के लिए नीति में अब तक किए गए कई बदलावों के बीच सरकार की नजर अब उद्योग-कारखानों पर है। विभिन्न माध्यमों से पहुंची रिपोर्ट के बाद मंथन में जुटी सरकार अब उद्योगों के लिए राहत के कुछ रास्ते खोलने के मूड में है। इसका प्रारूप तय करने के लिए वित्त मंत्रालय औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने जा रहा है।

 

कालाधन और भ्रष्टाचार पर प्रहार करने की मंशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर की देर शाम विमुद्रीकरण की घोषणा की और 1000 और 500 रुपये के नोट बंद कर दिए गए। इस कड़े फैसले से जाहिर तौर पर जनता के सामने तो तमाम दिक्कतें खड़ी हुईं ही, उद्योग-कारोबार के सामने भी बड़ी समस्याएं आईं। नकदी न होने से कारखानों में मजदूरों की छंटनी, बेरोजगार जैसे मुद्दे गर्माने लगे। लिहाजा, अब सरकार की कसरत शुरू हो गई है। विभिन्न स्त्रोतों से वित्त मंत्रालय उद्योगों को हुए नफा-नुकसान का आंकड़ा जुटा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक अभी तक पहुंची रिपोर्ट में उद्योग और कारोबार को खासा नुकसान दर्शाया गया है। लिहाजा, राहत के कुछ रास्ते निकालने के लिए वित्त मंत्रालय ने कई प्रमुख औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक 14 दिसंबर को बुलाई है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल संस्था प्रतिनिधियों से अलग-अलग ट्रेड की व्यावहारिक दिक्कतों की तथ्य सहित जानकारी लेंगे। सुझाव भी लिए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि उन सुझावों के आधार पर ही सरकार उद्योगों के लिए ऐसी नीति बनाने जा रही है, जिससे नोटबंदी का नकारात्मक प्रभाव उद्योगों पर न पड़े। राहत भरी यह नीति जनवरी में घोषित हो सकती है।

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